Wednesday, March 5, 2008

पोंटिंग की कहानी उसकी जुबानी

मैं कभी बतलाता नही ,
पर हर्भजन से डरता हूँ मैं माँ
यूं तों मैं, दिखलाता नही,
पर इशांत से घबराता हूँ मैं माँ
आपको सब है पता,है न माँ
आपको सब है पता, मेरी माँ
फिएल्ड में यूं न छोरो मुझे,
एक रन भी बना न पाऊ माँ
कितनी देता हूँ मैं गलिया मिलके टीम के संग,
पर उन्हें मई जरा भी डरा न पाऊ माँ,
सचिन तों आउट होता नही,
अच्छा है जो सौरभ टीम मी नही,
क्रिकेट का बाप है इंडिया मैं मन गया माँ,
क्रिकेट का बाप है इंडिया माँ

हरीष बिजवे



1 comment:

Unknown said...

That is too good. Hats off to you.

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